आज तो कह कर रहेंगे , आपसे
मोहब्बत हैं हमको , आपसे
दुनिया की हमको जरुरत हैं नही
चाहिए सहारा हमको , आपसे
चलते - चलते आ गए ख्यालों के शहर में
रस्ते में हो गई मुलाकात, आपसे
आईने से भी शायद परदा मैं कर लू
क्या छुपाउँगा मगर मैं , आपसे
आपको वेसे तो सब मालूम हैं
जो बताने जा रहां हु , आपसे
अपने बारे में भला अब क्या बताएं
पूछते हैं हाल - ऐ - दिल अब , आपसे
फ़िर चाहे अंजाम मेरा जो भी हो
इजहार - ऐ - मोहब्बत चाहिए अब , आपसे
© शिव कुमार "साहिल" ©
3 टिप्पणियां:
what a lovely thought
very good nice wording
good wording
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