दिल

मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "

सोमवार, 26 नवंबर 2018

रूह की गहराई

क्यों डूबा है चाँद गहरी तन्हाई में 
सूरज जल रहा है किसकी बेबफाई में 
समंदर क्या छुपाए बैठा है गहराई में 
वख्त छोड़ता ही नहीं कुछ, अपनी परछाई में 
उम्र टूट कर गिर रही है किस खाई में 


ये बता दे खुदा क्या राज है तेरी खुदाई में 

उफ़..... 
क्या दिखाई देता है दिल 
तुम्हे अब भी उस हरजाई में 
क्या कहे दिल तुमसे साहिल 
बस मोहब्बत दिखी थी, उसकी रूह की गहराई में 

क्यों डूबा है चाँद गहरी तन्हाई में 
सूरज जल रहा है किसकी बेबफाई में  ?