"किसी नें तो तोडा हैं, मेरे घर आक़र आइनें कोकुश कतरे खून के हमनें किसी टुकड़े पर देखें हैं !"
"हक़ तो हमें भी था, मह्खानो में जाकर पिने कामगर डर था के पीकर सब के सामने , लबों पर तेरा नाम न आ जाए !"
+++++++साहिल+++++++
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