"तेरे नक्शे कदम को देखते हुए बुलहबस हो गए
ये मुन्तजीर तो ता उम्र मुफलिस ही रहा !"
( बुलहवस = बहुत ज्यादा अल्ची लालची )
( मुफलिस = गरीब )
"शमशीरों पे चला हैं नंगें पांव 'साहिल'
फ़िर इन काँटों से कया उसको डर होगा !"
( शमशीरों = तलबारें )
"संगेमजार पर आ बेठा , वो संगदिल
देखते हैं, के पहले दर्द किस और से उठता हें!"
(संगेमजार = पथर की कबर)
इत्फाकन हवा नें बंद दरवाजों को हिलाया
हमें लगा के , इन्तहा वो लोट आये !"
:::::::::: साहिल ::::::::::
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