दिल
मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "
रविवार, 10 मई 2009
एहसास
"गुरबत में हुई मोहब्बत यही कसूर था तेरा 'साहिल'
अगली बार आना तो बाप किसी रहिस को केहना !"
"बेशक तुं कतल कर , मेरे आरमानो का तुझे हक हें ,
लेकिन........ मेरी बरबादी को जग जाहिर न कर !"
(....... साहिल .......)
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