उसने कहा था कही मिलेंगे फिर से
यूँ पीछे मुड कर , उसने देखा भी नही
ऎसा हुआ था , पर ऎसा लगता ही नहीं !
फिर भी चला हूँ उसी की जानिब
उसको लगता है उस तरफ की हवा है बस !!
©शिव कुमार साहिल ©
बहुत सुन्दर.
bahut khoob, mazaa aa gaya. 'sahil' one of my most favourite names. so do keep writting. all the best
यूँ चलना गुजरना !ऐसी नज़्में गोते लगाने को कहती हैं।
bahut khoob
खूबसूरत एहसास
कमाल की रचना...बधाई...नीरज
फिर भी चला हूँ उसी की जानिब उसको लगता है उस तरफ की हवा है बसबहुत खूब ... हवा में भी खुश्बू बसी होगी तो क्या होगा ..
फिर भी चला हूँ उसी की जानिब उसको लगता है उस तरफ की हवा है बसइतनी कम पंक्तियों में एक लम्बी दास्ताँ वाह वाह !!!!
badhiya
छोटी मगर अपनी छाप छोड़ गयी ...
aisa hi hota hai,akasar, chalte hai oos taraf ,jo chale jaate hai,ek yaad ban kar...........aapki kavitaa itnee chhoti aur itnee sateeek hai, zindgee ke behad kareeb hai.LIKHTE RAHIYE, SHUBH KAAMNAAYEN.www.kavyagagan.blogspot.com
rachnaa prabhaavshali hai . . .
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12 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर.
bahut khoob, mazaa aa gaya. 'sahil' one of my most favourite names. so do keep writting. all the best
यूँ चलना गुजरना !
ऐसी नज़्में गोते लगाने को कहती हैं।
bahut khoob
खूबसूरत एहसास
कमाल की रचना...बधाई...
नीरज
फिर भी चला हूँ उसी की जानिब
उसको लगता है उस तरफ की हवा है बस
बहुत खूब ... हवा में भी खुश्बू बसी होगी तो क्या होगा ..
फिर भी चला हूँ उसी की जानिब
उसको लगता है उस तरफ की हवा है बस
इतनी कम पंक्तियों में एक लम्बी दास्ताँ वाह वाह !!!!
badhiya
छोटी मगर अपनी छाप छोड़ गयी ...
aisa hi hota hai,
akasar,
chalte hai oos taraf ,
jo chale jaate hai,
ek yaad ban kar...........
aapki kavitaa itnee chhoti aur itnee sateeek hai, zindgee ke behad kareeb hai.
LIKHTE RAHIYE, SHUBH KAAMNAAYEN.
www.kavyagagan.blogspot.com
rachnaa
prabhaavshali hai . . .
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