दिल

मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "

शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

भ्रष्ट नेतायों के लिए इक सुझाभ !

कुर्सी को सलाम हैं , कुर्सी को ही होगा
कल कोई और था यहाँ , कल कोई और होगा

तेरे आने का दिखाबा तो सबके चेहरों पर हैं
क्या तेरे जाने का अफ़सोस भी होगा

इस डर से ही बस करो अब गरीबों को लूटना
करोडों नसियतोँ में से किसी एक में तो असर होगा

गर मोका मिला हैं तो कोई नेक काम कर ले
कही न कही तुझ में भी इंसान छुपा होगा

हादसे होते हैं शहर में रोज कितने सोच
ऐसा माहोल तो एक दिन तेरे आंगन में भी होगा

कभी देखना आजमाके जिन्हें तू अपना कहता हैं
तुझ से दोगुना लगाब तेरी जागीर से ही होगा

कुछ कर नेक काम के सब तुम्हे याद रखें
फेंसला अब नही तो फ़िर कब होगा

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