दिल

मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "

शनिवार, 9 मई 2009

प्यास

"जर्रे जर्रे में हैं इक जिन्दगी,ऐ मुझे मिटाने वाले
दफ़नाने भर से कहाँ खबाहिशें मिटती हैं !"


"इस परत के निचे भी कोई साँस लेता हैं 'गुजरने वाले '
जरा कदम संबल के रखना !"


"वो इक पल के लिए भी हमें अपना कहते
तो मर कर इस कदर हम आज भटकते ना !"


" लाखों हादसे होतें हैं सड़क पे, 'जा खुदा'
किसी न किसी हादसे के निचे 'साहिल' का सर भी आ जाए !"


जहुनम में भी लगती हैं महफिलें मह्कशो की , 'साहिल'
अफ़सोस सिर्फ़ इतना के वो सिर्फ़ आसूं पितें हैं !"


.......(साहिल)........

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