दिल

मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "

मंगलवार, 12 मई 2009

बेबसी

"तेरे नक्शे कदम को देखते हुए बुलहबस हो गए
ये मुन्तजीर तो ता उम्र मुफलिस ही रहा !"
( बुलहवस = बहुत ज्यादा अल्ची लालची )
( मुफलिस = गरीब )

"शमशीरों पे चला हैं नंगें पांव 'साहिल'
फ़िर इन काँटों से कया उसको डर होगा !"
( शमशीरों = तलबारें )

"संगेमजार पर आ बेठा , वो संगदिल
देखते हैं, के पहले दर्द किस और से उठता हें!"
(संगेमजार = पथर की कबर)

इत्फाकन हवा नें बंद दरवाजों को हिलाया
हमें लगा के , इन्तहा वो लोट आये !"

:::::::::: साहिल ::::::::::

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