दिल

मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "

गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

कुछ अपने बारे में !!



उम्र के तेईस पोडे
चढ़ गया हूँ
हर लम्हे के सर पर ,
पाँव रख के धीरे -धीरे ,
मसलते हुए
इक - इक तारीख को ,
जोड़ - जोड़ कर ,
अभी तेईस पोड़ों की ,
इक छोटी सी सीढ़ी बन पाई हैं !

अब कुछ और तारीखों के तिनके
तोड़ कर इक अदृश्य परिंदा ,
मेरे लिए अगला पोडा बनाने में,
झुट गया हैं
क्या मालूम वो बना पायेगा
या फिर मैं यहीं से गिर जाऊंगा ,
उस अँधेरी खाई में ,
जिसके मुहाने तक पहुँचने के लिए
मैं यह सीढ़ी चढ़ रहां हूँ !

क्या पता क्या छिपाए बेठा हैं ,
कम्बखत अगला पल !!


©शिव कुमार साहिल ©


13 टिप्‍पणियां:

kamal saini ने कहा…

Janmdin ki Bdaai , 23 me saal par achi kavita likhi ......... Badiya

Likht Raho ... hum padte rahenge !!

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

अच्छी कविता है, लेकिन अशुद्धियां अवरोधक का कार्य कर रही हैं. यदि तमाम अशुद्धियों को दूर कर लेंगे तो पाठक कविता का पूरा आनन्द ले सकेंगे.

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

mehnat karo bhai....

Alpana Verma ने कहा…

उम्र के २३ पड़ाव पार किये हैं और ये दर्द भरी नज़्म?..आशावाद भी दिख रहा है ..अगला पड़ाव बनाने की तय्यारी में जुटे परिंदे..की शक्ल में !
बहुत अच्छा लिख रहे हैं...
लगता है आप का जन्मदिन भी है.
उसके लिए शुभकामनायें और बधाई.
वर्ड verification हटा लेंगे तो बेहतर होगा .डेशबोर्ड से कमेन्ट की सेट्टिंग में देखें.विकल्प है.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

उम्र के २३ पढ़ाव या इससे अधिक भी ... ये तो हमेशा ही बना रहता है की अगले पल कहें गिर न जाऊं ...
बहुत ही लाजवाब लिखा है .. विस्त्रात दायरा है सोच का ... प्रभावित करता है ...

daanish ने कहा…

duaa kartaa hooN...
umr ka koi bhi padaav
aapke liye ik nayi oorjaa aur prernaa bn kar aaye....
nazm ka lehjaa achhaa hai
badhaaee .

बेनामी ने कहा…

आपका ब्लॉग देखा आज...बहुत अच्छा लगा ....आप बहुत अच्छा लिखते हैं...ब्लॉग का प्रारूप भी अच्छा हैं.

बेनामी ने कहा…

आपकी यह ग़ज़ल सभी की आत्मानुभूति को व्यक्त करती हैं.........बहुत खूब

सर्वत एम० ने कहा…

सर्वप्रथम देर और मुद्दत बाद आने के लिए क्षमा चाहूँगा.
जन्मदिन की बधाई.
कविता के भावों की तारीफ करनी ही पड़ेगी लेकिन युवा वर्ग से निराशावादी रुख की अपेक्षा मैं रखता नहीं, इस पर आप का ध्यान चाहूँगा.
वर्तनी (स्पेलिंग) की तरफ विशेष ध्यान दें. एक बार टाइप कर लेने के बाद उसे दुहरा भी लिया करें. यह आवश्यक है और इसमें २-३ मिनट ही लगते हैं. मेरा ख्याल है आप मेरे सुझाव पर अमल करेंगे.
आप और आपके हमराह कुछ अन्य युवाओं पर मेरी निगाह है, आप लोगों से और बेहतरी की आशा है. भविष्य तो आप ही हो, कविता और ब्लाग दोनों के ही.

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

जन्मदिन की शुभकामनाएं....अब तक जो हुआ अच्छा हुआ...आगे भी अच्छा ही होगा....इसी सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाकर सफ़लता की सीढ़ियां चढ़ते जाओ...इसी कामना के साथ.

Urmi ने कहा…

बहुत ही सुन्दर, शानदार और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! आपको जन्मदिन कि हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !

स्वप्निल तिवारी ने कहा…

kya baat hai ...behad sundar tareeke se aapne ye nazm kahi hai ...hizze gadbad hain ..edit kar ke thik kar lijiye.. warna kavita bahut khubsurat hai

Unknown ने कहा…

आप सभी फनकारों का मैं तहे - दिल से आभारी हूँ , आप जी ने अपना कीमती समय मेरे ब्लॉग के लिए निकाला , अपना आशीर्बाद और शुभकामनाएं दी , प्यार दिया और मार्गदर्शन भी किया ! आप सभी से गुज़ारिश हैं कि यह प्यार यूँ ही बनाए रखना और मेरा मार्गदर्शन करते रहना !

धन्यवाद !

आपका साहिल !!