मौत का डर है जिसको
और जानिब मौत के
दौड़ लगाई है जिसने
कभी देखी है वो जिंदगी ?
रोज आईने में बूढ़ा हो रहा है जो ,
पर महसूस भी नही है जिसको
कभी देखा है वो शख्स ?
कभी- कभी , क्यों
मिलकर गुजरे लम्हों से
घबरा कर , सहम कर
उठता है वो सपनों से ,
कभी पूछा है उससे ?
कभी मिल जाए जब जबाब
मुझे भी बता देना
कभी दिख जाए जब जिंदगी
उसका स्कैच बना देना
मुझसे सवाल किया है किसी ने ,
मैं , जबाब की तलाश में हूँ ।
और जानिब मौत के
दौड़ लगाई है जिसने
कभी देखी है वो जिंदगी ?
रोज आईने में बूढ़ा हो रहा है जो ,
पर महसूस भी नही है जिसको
कभी देखा है वो शख्स ?
कभी- कभी , क्यों
मिलकर गुजरे लम्हों से
घबरा कर , सहम कर
उठता है वो सपनों से ,
कभी पूछा है उससे ?
कभी मिल जाए जब जबाब
मुझे भी बता देना
कभी दिख जाए जब जिंदगी
उसका स्कैच बना देना
मुझसे सवाल किया है किसी ने ,
मैं , जबाब की तलाश में हूँ ।
2 टिप्पणियां:
Thanks Priya ji
it is too good
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