दिल

मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "

गुरुवार, 1 अक्तूबर 2015

तलाश

मौत का डर है जिसको 
और जानिब मौत  के 
दौड़ लगाई है जिसने 
कभी देखी है वो जिंदगी ? 


रोज आईने में बूढ़ा हो रहा है जो ,
पर महसूस भी नही है जिसको 
कभी देखा है वो शख्स ?

कभी- कभी , क्यों 
मिलकर गुजरे लम्हों से 
घबरा कर  , सहम कर 
उठता है वो सपनों से ,

कभी पूछा है उससे ?

कभी मिल जाए जब जबाब 
मुझे भी बता देना 
कभी दिख जाए जब जिंदगी 
उसका स्कैच बना देना 

मुझसे सवाल किया है किसी ने ,
मैं  , जबाब की तलाश में हूँ ।