दिल

मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "

शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

GOD FOR SALE

भारत में चाहे जिस भी पार्टी की सरकार हो किसान पर राजनीति करना सबका जन्म सिद्ध अधिकार है , किसान मर जाते हैं अपनी जिंदगियों से तंग आकर तो सरकार और राजनैतिक पार्टियाँ सुलगती चिताओं पर असंवेदनशील राजनीति करती हैं । फसले बर्बाद हो जाए तो मुआवजे पर राजनीति । इस देश में गरीबों को गरीब बनाये रखने का जैसे एक जाल बुन रखा हो , गरीब के बारे में सरकार सोचती हो जैसे भिखारी हो , कुछ किसान या  गरीब आम आदमी किसी वजह से तंग आकर खुदखुशी कर भी लेते हैं लेकिन यह अर्थ नही की हर किसान सरकार पर निर्भर हैं । एक मेहनती किसान , गरीब आदमी मेहनत करके अपने परिवार का पालन पोषण कर लेता है , वह सरकार के मुआवजों पर निर्भर नही हैं । 



देखिये एक मेहनती किसान क्या कहता हैं सरकार से :-

" हमें  घर  चलाना  आता है , मशवरा पास ही रखो ,
   जख्म ये भर ही जाएँगे , दुआ दवा पास  ही  रखो । 
   फसल हमारी हुई बर्बाद, सरकार तुम ना घबराओ  ,
   हम मेहनत करके खातें हैं , मुआवजा पास ही रखो" ॥ 

और दुनिया की वर्तमान स्तिथि पर भगवान से इक आग्रह :- 

"इस दुनिया के बाजारों में , सबके अरमान बिकते हैं ,
 क्या अरमान , क्या ईमान यहाँ इन्सान बिकते हैं । 
जो दुनिया तूने बनाई थी मेरे रभ आकर तो देख ,
 वो अब शैतानों की बस्ती है यहाँ भगवान बिकते हैं ॥ 


3 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... काश में जो भी हो यहाँ इन्सान सब कुछ बेच देता है ...

Unknown ने कहा…

शुक्रिया जनाब आप जी हमेशा मेरी रचनाओं के लिए अपना कीमती समय निकलते है , इसके लिए आप जी का बहुत बहुत धन्यबाद

Learn Digital Marketing ने कहा…

I am extremely impressed along with your writing abilities, Thanks for this great share.