दिल
मेरे दिल की जगह कोई खिलौना रख दिया जाए ,
वो दिल से खेलते रहते हैं , दर्द होता है "
बुधवार, 18 दिसंबर 2013
मुजरिम
1 टिप्पणी:
दिगम्बर नासवा
ने कहा…
बहुत खूब साहिल जी ... लाजवाब गज़ल ...
19 दिसंबर 2013 को 2:03 pm बजे
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बहुत खूब साहिल जी ... लाजवाब गज़ल ...
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