गास फूस के मकानों को चिंगारी से भी डर होता हैं
इलाज करनें वालों को भी बीमारी से डर होता हैं
ईमान बेच बेच कर ना दोलतें कमाओ , रहिसजादो
लुट ले जाने का जिसका चारदिवारी में भी डर होता हैं
महफूज तो हैं नही जे ख्याल भी अपने
जहन की गलिओं में भी किसी पहरेदारी से डर होता हैं
परत दर परत तह को हटाना, मजार से
खून चलने का ऐसी लाचारी में भी डर होता हैं
!!!!!!!!!! साहिल !!!!!!!!